पिता दिवस की शुभकामनाएं!

सभी पिताओं और पिताओं जैसी भूमिका निभाने वालो को पिता दिवस की शुभकामनाएं! इस दिन को आराम करने और अपने परिवार के साथ समय बिताने के लिए निकालें। हम सब आपके जीवन में आपके लिए बहुत आभारी हैं।

कवि कुमार विश्वास ने अपने पिता के बारे में अपनी कविता में हमारे पिता के लिए हमारी सामूहिक भावनाओं को दर्शाया है:

 

फिर पुराने नीम के नीचे खड़ा हूं
फिर पिता की याद आई है मुझे
नीम सी यादें ह्रदय में चुप समेटे
चारपाई डाल आंगन बीच लेटे

सोचते हैं हित सदा उनके घरों का
दूर है जो एक बेटी चार बेटे
फिर कोई रख हाथ कांधे पर

कहीं यह पूछता है-

“क्यूं अकेला हूं भरी इस भीड़ में”

मैं रो पड़ा हूं
फिर पिता की याद आई है मुझे
फिर पुराने नीम के नीचे खड़ा हूं

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *